पश्चिम चंपारण

वज्रपात (ठनका) एवं मौसम की सटीक जानकारी देगा इन्द्रवज्र एप प्रत्येक व्यक्ति प्ले स्टोर से इन्द्रवज्र एप डाउनलोड कर करें उपयोग:- जिलाधिकारी

न्यूज9 टाइम्स बेतिया से आशुतोष कुमार बरनवाल की ब्यूरो रिपोर्ट :-

हाल के दिनों में वज्रपात से जान-माल की क्षति हुई है। वज्रपात (ठनका) से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार द्वारा इन्द्र वज्र एप लाॅंच किया गया है। यह एप आमजन को वज्रपात एवं मौसम की सटीम जानकारी मुहैया कराएगा । इस मोबाईल एप इन्द्र वज्र के उपयोग से प्राकृतिक क्षति को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा इस प्रकार की अनहोनी से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने मोबाइल में इंद्र वज्र एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं ज्यादा से ज्यादा लोगों को डाउनलोड कराने हेतु जिला आपदा प्रभारी को निर्देश दिया गया है।
जिलाधिकारी, श्री कुमार ने बताया कि इंद्र वज्र मोबाइल एप कोई भी स्मार्टफोन यूजर आसानी से अपने मोबाइल में इंस्टाॅल कर सकते हैं। उपयोगकर्ता को प्ले स्टोर में जाकर इंद्र वज्र टाइप करने के बाद इस्टाॅल आॅप्शन को दबाना होगा। एप के इंस्टाॅल होने के बाद अपना मोबाईल नंबर प्रवेश कर एप को उपयोग में ला सकते हैं।
इस मोबाईल एप में वज्रपात गिरने से 40 से 45 मिनट पूर्व ही अलार्म टोन के साथ चेतावनी संदेश प्रसारित होगा। इससे उपयोगकर्ता को वज्रपात का आभास हो जायेगा तथा वे सतर्क हो सकेंगे। इस प्रकार वज्रपात से होने वाली क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होने बताया कि इसके अलावा इंद्र वज्र मोबाइल एप मौसम के पूर्वानुमान सहित अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान को भी बताएगा। इस एप पर जीपीएस प्रणाली के माध्यम से वज्रपात गिरने वाले स्थान के बारे में भी उपयोगकर्ता जान सकेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा जिलेवासियों से अपील की गई है कि अनावश्यक रूप से घर से नहीं निकलें। जिला प्रशासन द्वारा विषम परिस्थिति से निपटने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई है। सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखा गया है। जिलाधिकारी द्वारा वज्रपात के समय क्या करें, क्या नहीं करें से संबंधित जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।

वज्रपात (ठनका) से बचाव हेतु क्या करें:-

1. यदि आप खुले में हो तो शीघ्रतिशीघ्र किसी पक्के मकान में शरण लें।
2. सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें।
3. समूह में न खड़े हो, बल्कि अलग-अलग खड़े रहें।
4. यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जायें।
5. धातु से बने कृषि यंत्र-डंडा आदि से अपने को दूर कर दें।
6. आसमानी बिजली के झटका से घायल होने पर पीड़ित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
7. स्थानीय रेडियो तथा अन्य संचार साधनों के माध्यम से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।
8. यदि आप खेत खलिहान में काम कर रहे हों और किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पायें हो तोः-
◆ जहां हैं वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पते रख लें।
◆ दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन के तरफ यथासंभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न सटने दें।
◆ जमीन पर कदापि न लेटें।

वज्रपात (ठनका) से बचाव हेतु क्या नहीं करें:-

1. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे के समीप तथा छत पर नहीं जायें।
2. तालाब और जलाशय के समीप न जायें।
3. बिजली के उपकरण या तार के साथ संपर्क से बचें व बिजली के उपकरणें को बिजली के संपर्क से हटा दें।
4. ऐसी वस्तुएं, जो बिजली की सुचालक हैं, उनके दूर रहें।
5. बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहें।
6. उंचे इमारत (मकान) वाले क्षेत्रों में शरण नहीं लें।
7. साथ ही बिजली एवं टेलीफोन के खंभों के नीचे कदापि शरण नहीं लें, क्योंकि उंचे वृक्ष, उंची इमारतें एवं टेलीफोन/बिजली के खंभे आसमानी बिजली को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
8. पैदल जा रहे हों तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें।
9. यदि घर में हों तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छूएं।

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