कल से शुरू होगी चार धाम यात्रा, जानिए किन-किन शर्तों का करना होगा पालन
Chardham Yatra: बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए इस बार ऑनलाइन पास लेना होगा. श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान पहचान पत्र भी साथ रखना होगा.

देहरादून. कोरोना वायरस (COVID19) संक्रमण की वजह से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा (Chardham Yatra) पूरी तरह से स्थगित हो गई थी. बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा उत्तराखंड के पर्यटन का आधार है. मगर इस साल यात्रा न होने के कारण पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हुआ था. लॉकडाउन (Lockdown) खुलने के बाद राज्य सरकार ने धीरे-धीरे इसे खोलना शुरू किया था और पहले चरण में 30 जून तक सिर्फ संबंधित धाम के गृह जिले के लोगों को दर्शन की अनुमति दी गई थी. कल यानी 1 जुलाई से दूसरे चरण में यह यात्रा प्रदेश के लोगों के लिए खोली जा रही है, लेकिन चार धाम के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को कई बातों का ख़्याल रखना होगा.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जरूरी
उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड ने 1 जुलाई से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को लेकर कुछ नियम बनाए हैं, जो कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए बनाए गए हैं. चार धाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि इस बार यात्रा करने के इच्छुक लोगों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा. इसके बाद ही ऑनलाइन पास मिलेगा, जिसके बाद श्रद्धालु चार धाम की यात्रा कर सकता है.
इसके साथ ही यात्रा के लिए बदरीनाथ, केदारनाथ की वेबसाइट में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. ऑनलाइन रिजर्वेशन से मिले पास के साथ फोटो आईडी और उत्तराखंड का स्थानीय निवास प्रमाण पत्र भी रखना जरूरी होगा. कंटेनमेंट जोन और बफर ज़ोन में निवास करने वाले लोगों को यात्रा की परमिशन नहीं दी जाएगी.
इन शर्तों का करना होगा पालन
रमन ने कहा कि हर धाम में श्रद्धालुओं को एक रात ही रुकने की अनुमति दी जाएगी, इसके साथ ही 10 साल से कम और 65 साल से ज़्यादा उम्र के व्यक्तियों को यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई है. रविनाथ रमन ने कहा कि बोर्ड के द्वारा चारों धामों में यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है. बदरीनाथ धाम में 1200 यात्री, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 यात्रियों को प्रतिदिन आने की अनुमति दी जाएगी.
यह भी स्पष्ट किया गया है कि श्रद्धालु मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करेंगे. इसके अलावा धाम के क्षेत्र में यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी बनाए रखने के साथ ही हैंड सैनेटाइजर और मास्क का प्रयोग और पालन अनिवार्य होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोना अनिवार्य होगा. मंदिर परिसर के बाहर से लाए गए किसी भी प्रसाद चढ़ावे आदि को मंदिर परिसर में लाना वर्जित रहेगा. श्रद्धालु किसी के साथ किसी भी देव मूर्ति को स्पर्श भी नहीं कर सकेंगे.