
काला चावल की खेती से किसानों की आमदनी और स्वास्थ के लिए लाभकारी
न्यूज़ 9 टाइम्स : बगहा से नवल ठाकुर संवाददाता का रिपोर्ट :-
प्रकृति की गोद में बसा थरुहट की राजधानी हरनाटाड़ के समीप बोधसर पंचायत के बिनवलिया गाँव अब काला चावल के नाम से सुप्रसिद्ध होगा। प चम्पारण बगहा 2 प्रखंड़ के बिनवलिया गाँव के प्रगतिशील किसान अजय कुमार ने जैविक खेती कर ब्लैक राईस काला चावल आधा एकड़ में खेती कर एक नई मिशाल किसानों के बीच पेश किया है। तथा किसानों को चौका दिया है। पेशे से शिक्षक अजय कुमार ने खेती मे भी काफी उत्साह पूर्वक दिलचस्पी लेते हैं। उन्होंने बताया कि ब्लैक राईस के खेती में वे रसायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया है। बल्कि माईक्रो न्युट्रेट व कीटनाशक एवं वास्टड़ी कमपोजर के द्वारा स्वयं निर्माण कर के ब्लैक राईस की खेती की गई हैं। उन्होंने बताया कि खेती केमिकल मुक्त कराई गई है। किसान ने बताया कि वे ब्लैक राईस का बीज केरला से 1 किलो ग्राम बीज 500 रुपये में ऑनलाइन मंगवाकर आधा एकड़ में जैविक पद्धति व श्रीविधि तरीका से खेती किया। उन्होंने बताया कि खेती करने मे कृषि समन्वयक लक्ष्मण प्रसाद सिंह व किसान सलाहकार निर्मल कुमार मंडल का भरपुर सहयोग मिला ।
क्या आपने कभी काले चावलों के बारे में सुना है? सुनकर जरूर आश्चर्य होगा लेकिन चावल की कई प्रजातियों में यह भी एक प्रजाति है। काले चावल जिन्हें कभी वर्जित माना जाता था वहीं आज इसे दीर्घायु के लिए जाना जाता है। अगर आप नहीं जानते तो आपके लिए जानना जरूरी है, क्योंकि काले चावल से होते हैं यह अनमोल फायदे –
मोटापा – जहां आप मोटापा कम करने के लिए चावल खाना लगभग छोड़ देते हैं, वहां काले चावल आपके लिए फायदेमंद है। क्योंकि काले चावल मोटापा कम करने के लिए बेहद लाभदायक हैं।
हृदय – अपने दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए इनका इस्तेमाल फायदेमंद है। इसमें मौजूद फायटोकेमिकल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं और बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं। साथ ही यह हृदय की धमनियों में अर्थ्रोस्क्लेरोसिस प्लेक फॉर्मेशन की संभावना कम करता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है।
पाचन – इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जो कब्जियत जैसी समस्याओं को समाप्त करता है और पेट फूलना या पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं में लाभ देता है। रोजाना भी इसका सेवन आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
बीमारियां – काले चावल में एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक है। यह प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा करता है।
एंटीऑक्सीडेंट – इन चावलों का गहरा रंग इनमें मौजूद विशेष एंटीऑक्सीडेंट तत्वों के कारण होता है जो आपकी त्वचा व आंखों के लिए फायदेमंद होता है और दिमाग के लिए भी।
शारीरिक सफाई – अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि काले चावल का सेवन शरीर से हानिकारक और अवांछित तत्वों को बाहर कर शरीर की आंतरिक सफाई में मददगार है। साथ ही लिवर को स्वस्थ रखने में भी सहायक है।
पश्चिम चंपारण के बगहा प्रखंड दो के एक सरकारी शिक्षक अजय कुमार ने शिक्षक सेवा के साथ साथ स्वस्थ भारत के निर्माण हेतु जैविक खेती किसानी को भी आय का एक जरिया बनाया है।
इन्होंने जैविक विधि से सूक्ष्म पोषक तत्व का निर्माण किया है तथा फसल प्रबंधन हेतु जैविक दवा बनाकर फसल को किट व्याधि से बचा रहे हैं।
किसान अजय कुमार ने फसल के बेहतरीन उत्पादन हेतु वेस्ट डिकम्पोजर का भी इस्तेमाल करते हैं।
इन्होंने इस वर्ष खरीफ फसल के रूप में काले चावल की खेती कर सब को चौंकाने का काम किया है।
उन्होंने बताया कि
विकास कुमार सिंह प्रखंड उद्यान पदाधिकारी,पश्चिम चंपारण
अमरदीप राई प्रखंड उद्यान पदाधिकारी,पश्चिम चंपारण के द्वारा का निरीक्षण किया जा चूका है। तथा पदाधिकारियों के द्वारा उन्हें शुभकामनाएँ भी दी गई है।