मझौलिया थाना भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में लिप्त, कैमरे में कैद हुआ पीड़ित से सेवा शुल्क लेते मुंशी का स्टिंग विडियो

मझौलिया थाना भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी में लिप्त, कैमरे में कैद हुआ पीड़ित से सेवा शुल्क लेते मुंशी का स्टिंग विडियो
न्यूज़ 9 : बेतिया से आशुतोष कुमार बरनवाल की रिपोर्ट : मझौलिया थाना के बढ़ैया टोला, वार्ड नंबर 5 के अजिजुल रहमान उम्र 32 वर्ष पिता जाकीर मियां अपने ऊपर हुए अन्याय और मारपीट, धोखा की व्यथा लेकर पांच दिनों से थाना के चक्कर लगा रहे थे परन्तु उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं था वो चक्कर काट काट कर हार चूके थे। जब वे आरजू विनय करने लगे तब थाने के मुंशी ने बताया की बिना सेवा शुल्क के थानाध्यक्ष एफआईआर दर्ज नहीं करते हैं और यदि करवाना है तो सेवा शुल्क दीजिए। पीड़ित अजिजुल रहमान ने काफी अनुनय-विनय के 2500 और 500 पर सेवा शुल्क पर थाने में बात कर ली और पूरे रिश्वत का स्वयं ही स्टिंग विडियो बना डाला। 2500 रूपये थाने के मुंशी को सेवा शुल्क देते बना लिया परन्तु 500 जो कि अलग से दिया उसका वो विडियो नहीं बना सका। पीड़ित ने अपनी सारी आपबीती न्यूज 9 टाइम्स के ब्यूरो चीफ आशुतोष कुमार बरनवाल को सुनाई और मदद की गुहार लगाई। अब सवाल यह उठता है कि क्या बिना सेवा शुल्क दिए मझौलिया थाना में एफआईआर नहीं दर्ज किया जाता है। जबकि सरकार और डीजीपी का सख्त आदेश है कि किसी भी पीड़ित जनता का आवेदन लेना है और प्राथमिकी दर्ज करनी है एवं उसकी एक काॅपी पीड़ित को भी उपलब्ध करानी है। फिर किस हिम्मत के कारण अधिकारी प्राथमिकी दर्ज करने हेतु सेवा शुल्क मांगते हैं।
क्या उन्हें अपने ड्यूटी के लिए सरकार वेतन नहीं देती है या फिर जो वेतन मिलती है वो नाकाफी है और यदि नाकाफी है तो क्या अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो कर खुले आम रिश्वत लेंगे ताकि वो अपना परिवार का खर्चा चला सके। सरकार और पुलिस के वरीय अधिकारियों को इस स्टिंग ऑपरेशन के विडियो पर संज्ञान लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पुलिस थाने की गरिमा व सम्मान को बचाया जा सके, जिससे आम जनता की विश्वास थाना और अधिकारियों के प्रति जागृत हो।
न्यूज 9 टाइम्स बेतिया ऐसे भ्रष्टाचारियों पर अपनी मुहीम लगातार चलाता रहेगा और भ्रष्ट पदाधिकारियों को बेनकाब करता रहेगा ताकि आम जनता निडर और निर्भीक रूप से अपना कार्य करवा सके। जब न्यूज 9 के बिहार ब्यूरो चीफ रेहान नैयर ने पुलिस अधीक्षक के सरकारी नम्बर पर इस कांड पर सवाल पुछा गया तो पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट जवाब दिए की भ्रष्टाचार मे संलिप्त किसी भी अधिकारी कर्मचारी को छोड़ा नही जाएगा।