बुद्ध पूर्णिमा पर दिया विश्व शांति का संदेश, चम्पारण की ऐतिहासिक जगहों को संरक्षण प्रदान करें सरकार : डाॅ. एजाज अहमद
न्यूज़ 9 टाइम्स : सेंटर डेस्क से रेहान नैयर की रिपोर्ट : बुद्ध पूर्णिमा पर दिया विश्व शांति, कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्ति एवं पश्चिम चंपारण के महात्मा बुद्ध से जुड़े स्थलों को संरक्षण प्रदान करने का संदेश !आज दिनांक 7 मई 2020 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव सह ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) ने महात्मा गौतम बुद्ध को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन लगभग 563 पूर्व वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन लुंबिनी नामक स्थान पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था! उनका सारा जीवन मानवता एवं विश्व शांति के लिए समर्पित रहा! 
महात्मा गौतम बुद्ध ने समाज में व्याप्त अनेक कुरीतियों को समाप्त करने का हर संभव प्रयास किया! बौद्ध धर्म एवं सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले लोगों के लिए बुद्ध पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण त्यौहार है! बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही महात्मा गौतम बुध का जन्म हुआ था !इसी दिन महात्मा गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई थी! साथ ही इसी दिन 80 वर्ष की आयु में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में महात्मा गौतम बुद्ध का महानिर्वाण 483 ईसा पूर्व में हुआ था! बेतिया पश्चिम चंपारण की धरती महात्मा गौतम बुद्ध की प्रेरणा स्थली रही है! महात्मा गौतम बुध की यादें यहां की फिजाओं में आज भी रची बसी हैं! ऐतिहासिक रमपुरवा अशोक स्तंभ यह वही जगह है जहां पर लगभग ढाई हजार वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने राजसी वस्त्र त्याग कर भिक्षुक का वस्त्र धारण किया था! इस अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर डॉ0 नीरज गुप्ता एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉ0 शाहनवाज अली ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐतिहासिक रमपुरवा अशोक स्तंभ, ऐतिहासिक चांकीगढ़ लोरिया अशोक स्तंभ एवं नंदनगढ़ जैसे ऐतिहासिक जगहों को संरक्षण प्रदान किया जाए ताकि आने वाली नई पीढ़ी बेतिया पश्चिम चंपारण की गौरवशाली इतिहास को जान सके! बोधगया से ज्ञान प्राप्ति के बाद वापसी के क्रम में गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों से कहा कि यही चंपारण की भूमि है जो हमारी प्रेरणा स्थली है! इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद ने पुन: आह्वान करते हुए कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहा है! हम सभी को मिलकर संयुक्त राष्ट्र संघ एवं भारत सरकार के इस विश्वव्यापी अभियान का हिस्सा बनकर अपने जीवन को सुरक्षित रखना है !ताकि आने वाले समय के लिए मानव जीवन को बचाया जा सके !इस अवसर पर महात्मा बुद्ध के सम्मान में एक राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात वक्ताओं ने कही ताकि महात्मा गौतम बुद्ध से जुड़े पश्चिम चंपारण के ऐतिहासिक जगहों को संरक्षित किया जा सके!