गंडक और पहाड़ी नदियां की उफनाने से वीटीआर के जंगल में फैला पानी,वन्यजीवों पर बढ़ा खतरा।

न्यूज9टाइम्स:रामनगर से डी एन शुक्ला की रिपोर्ट
नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही अधिक बारिश के कारण गंडक व विभिन्न पहाड़ी नदियां फिर उफान गई है। इसको लेकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के निचले इलाके वाले वन क्षेत्रों में पानी फैलने से जंगली जानवरों पर खतरा बढ़ता जा रहा है। वन क्षेत्रों में जंगली जानवरों की बाढ़ के पानी से बचाव हेतु निगरानी के लिए दो वन क्षेत्रों में वन कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। गंडक,भपसा, मनोहर झीकैरी आदि नदियों की पानी मदनपुर नौरंगिया सिरसिया भेड़िहारि चुनभट्ठा गनौली हरनाटाड के वन क्षेत्रों में फैल गया है। गंडक नदी का पानी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती राजाही मुजही काठी पिपरासी के क्षेत्रों में पानी फैल जाने से वन्यजीव असुरक्षित महसूस करने लगे हैं चुकी वाल्मिकिनगर मदनपुर का वन क्षेत्र गंडक नदी के किनारे होकर गुजरी है। ऐसे में जंगली जानवर इस बाढ़ के पानी में रिहायशी इलाके की ओर चले जाते हैं ।इसको लेकर वन क्षेत्र में दो वन कर्मियों की टीम का गठन किया गया है। वह टीम में तैराक दल के जवानों को भी शामिल किया गया है। वह जवान नाव के सहारे इन बंदियों की निगरानी करने में लगे हुए हैं।
गंडक समेत तीन पहाड़ी नदियों का पानी से आधा दर्जन गांव डूब गया है लोग पानी के बीच रहने को विवश हो गए हैं जानकारी के अनुसार धर्मपुर पिपरा सिमर चाहा वहां मटियारा शिवपुर सोहगी बरवा आदि गांवों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है।
नौरंगिया वन परिसर के निचले इलाकों में मनोर ,गंडक व भपसा नदियों का पानी फैल जाने से नौरंगिया सोहगी बरवा के बीच सड़क पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है ।जिससे यूपी व बिहार के बीच लोगों का आवाजाही बंद है ।शुक्रवार की देर रात से पानी फैलने से आवागमन बंद हो गया है। जिससे सोहगी बरवा, बसही ,मरचाहवा ,रजनी मोजड़ी, तथा मुसहर टोली आदि गांव के लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।