आंगनबाड़ी केन्द्र बना शराब का बिक्री केन्द्र

*आंगनबाड़ी केन्द्र बना शराब का बिक्री केन्द्र*
न्यूज9 टाइम्स बेतिया से आशुतोष कुमार बरनवाल की रिपोर्ट :-
बेतिया नगर के होटल मंगलश्री के पीछे वार्ड नम्बर 20 नोनियार टोली स्थित आंगनबाड़ी केंद्र शराब धंधेबाजों के लिए सुरक्षित केन्द्र बना हुआ था। जिसकी सूचना पुलिस प्रशासन को मिल चूकी थी पर इंतजार था सही समय और साक्ष्यों का, और देखिए आज 25 नवम्बर को बेतिया पुलिस को शराब धंधेबाजों के केंद्र को पकड़ने की बड़ी कामयाबी मिली है।
गुप्त सूचना के आधार पर नगर थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर, सब इंस्पेक्टर अलाउद्दीन व पंकज कुमार सिपाही विकास कुमार के साथ नगर थाना से काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद होकर आंगनबाड़ी केंद्र कोड संख्या 103 वार्ड नम्बर 20 स्थित मकान पर छापा मारा जहां से भारी मात्रा में विदेशी शराब को बरामद किया गया है। सूत्रों के मुताबिक उक्त केन्द्र से सेविका शांति देवी व उसका पुत्र सत्येंद्र आंगनबाड़ी केंद्र से सरकारी योजनाओं के आंखों के नीचे सेफ जोन बना कर शराब का बड़ा धंधा को अंजाम दे रहा था।सरकार जिस आंगनबाड़ी से बच्चों को शिक्षा और विकास के साथ साथ सभी तरह के योजनाओं का लाभ देने की कोशिश करते हैं वहाँ इतना बड़ा शराब का बिक्री केन्द्र बनाया गया और किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों को खबर नहीं लगती थी जिला प्रशासन पर भी सवालिया प्रश्न अंकित करता नजर आता है।
सूत्र बताते हैं कि कि संध्या होते ही विदेशी शराब की बिक्री धड़ल्ले से शुरू हो जाती थी और सभी वार्डवासी जानते थे परन्तु शराब की आसानी से उपलब्धता होने के कारण सभी ने इसे पर्दा देने का काम किया है। प्राप्त सूचना के अनुसार शराब बिक्री केन्द्र सह आंगनबाड़ी से एक महिला की गिरफ्तारी हुई है जो कि आंगनबाड़ी सेविका शांति देवी है।
बहरहाल पुलिस के साथ अंचलाधिकारी बेतिया मौके वारदात पर पहुंच कर आंगनबाड़ी केन्द्र वाले मकान को सील कर अपनी आगे की कार्रवाई शुरू कर दिया है। अब देखना यह होगा कि पुलिस अपने कार्यवाही से जो मुख्य कारोबारी है उनतक पहुंच पाती है या नहीं? या फिर छोटे कारोबारियों से ही अपना पीठ थपथपाने का काम कर लेती है।
विदित हो कि न्यूज9 टाइम्स ने शराब पर बहुत बड़ी खुलासा करते हुए एक समाचार *शराब बंदी में बोतलों की बौछार और नशा की होम डिलिवरी* प्रकाशित किया था शायद यह कार्यवाही उसी समाचार का असर हो सकता है। आज के इस कार्यवाही से यह स्पष्ट हो गया है कि नगर के नालों में जो शराब की खाली बोतलें मिलती है वो कहीं पड़ोसी राज्यों के नहीं बल्कि बिहार राज्य के अंदर बेची और पी जा रही शराब की ही बोतलें है।
बिहार सरकार को अपने सूचना तंत्र को और अधिक विकसित कर और अधिक जोरदार कार्यवाही करने की सख्त जरूरत है अन्यथा उनका शराबबंदी की हवा उनके ही नुमाइंदे फुस्स कर सकते हैं।